हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया 1.16 लाख क्यूसेक पानी, दिल्ली में बाढ़ का खतरा।

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यमुनानगर, 17 अगस्त : लगातार हो रही बारिश के बीच यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से रविवार को करीब 1,16,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। भारी मात्रा में छोड़ा गया यह पानी कुछ घंटों के भीतर दिल्ली पहुंचने की संभावना है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। यह जानकारी सिंचाई विभाग के एसई आरएस मित्तल ने देते हुए बताया कि पानी का स्तर खतरनाक सीमा तक पहुंचने के कारण बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं। इसके साथ ही पानी के दबाव को नियंत्रित करने और नदियों के किनारे बसे इलाकों को बचाने के लिए सभी लिंक नहरों को बंद कर दिया गया है, ताकि पानी सीधा यमुना नदी में बह सके। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों मेंलगातार हो रही बारिश से यमुना और उसकी सहायक नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ा है। यही कारण है कि हथनीकुंड बैराज पर पानी का स्तर अचानक बढ़ गया।

प्रशासन ने बढ़ाई सतर्कता

प्रशासन का कहना है कि फिलहाल पानी का बहाव तेज है और लगातार बारिश की स्थिति में जलस्तर और बढ़ने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञों का कहना है कि हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गये पानी से दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

यमुनानगर जिला प्रशासन ने कहा है कि हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी पर लगातार नजर रखी जा रही है। राजस्व विभाग, पुलिस और आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा गया है। गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क किया जा रहा है। नदी किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। वहीं, नावों और बचाव सामग्री को भी तैयार रखा गया है ताकि आपात स्थिति में तुरंत राहत कार्य किया जा सके। गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी हथिनीकुंड बैराज से करीब 3.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर दिल्ली में यमुना का जलस्तर ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया था और कई बस्तियां जलमग्न हो गई थीं। इस बार छोड़ा गया पानी उससे कम है, लेकिन लगातार हो रही बारिश और पहले से बढे जलस्तर के कारण खतरा बना हुआ है। वहीं प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल सरकारी सूचनाओं पर ही विश्वास करें। नदी किनारे जाने से बचें और बच्चों को भी वहां खेलने न दें।

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