UPI के नए नियम 2025: अब बैलेंस चेक और पेमेंट पर लगी लिमिट, जानें पूरा अपडेट

1 अगस्त 2025 से UPI इस्तेमाल करने वालों के लिए कुछ नए नियम लागू हो गए हैं। इन नियमों के तहत आप दिनभर में सिर्फ 50 बार ही अपना बैंक बैलेंस चेक कर पाएंगे और 25 बार ही यह देख पाएंगे कि आपके नंबर से कौन-कौन से बैंक अकाउंट जुड़े हैं। अगर आपका कोई पेमेंट पेंडिंग है तो उसकी स्थिति सिर्फ 3 बार ही देखी जा सकती है और हर बार देखने के बीच 90 सेकंड का इंतज़ार करना होगा। इसके अलावा ऑटो-पेमेंट जैसे बिल या सब्सक्रिप्शन अब सिर्फ तय समय पर ही कटेंगे। महीने में अधिकतम 10 बार ही पेमेंट रिवर्सल की सुविधा मिलेगी और किसी एक ही व्यक्ति या कंपनी से 5 बार से ज्यादा रिवर्सल नहीं होगा। सबसे अच्छी बात यह है कि अब पेमेंट करने से पहले आपको सामने वाले का नाम भी दिखाई देगा, ताकि धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाए। इन बदलावों का मकसद UPI को सुरक्षित, तेज़ और भरोसेमंद बनाना है।

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नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई लेनदेन में लगातार वृद्धि हो रही है। हाल के महीनों में दैनिक लेनदेन की संख्या 65 से 70 करोड़ के बीच पहुंच गई है। इसमें अरबों रुपए की राशि का लेनदेन शामिल है। भारत में अब लगभग 85 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन यूपीआई के माध्यम से होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि बिजली, पानी, किराया और सैलरी जैसे नियमित भुगतानों के यूपीआई में शामिल होने से यह संख्या और भी बढ़ सकती है। सरकार का लक्ष्य है कि दैनिक लेनदेन की संख्या 100 करोड़ तक पहुंच जाए।

UPI के नए नियम देखें

  • बैलेंस चेक लिमिट – अब आप रोज़ाना सिर्फ 50 बार ही अपना बैंक बैलेंस UPI ऐप में देख सकते हैं।
  • Linked अकाउंट लिमिट – आप दिन में 25 बार ही यह देख पाएंगे कि आपके नंबर से कौन-कौन से बैंक अकाउंट जुड़े हैं।
  • ऑटो-पेमेंट का समय – बिल या सब्सक्रिप्शन ऑटो पेमेंट अब केवल तय समय पर कटेंगे।
  • Pending ट्रांजैक्शन स्टेटस – पेंडिंग ट्रांजैक्शन की स्थिति सिर्फ 3 बार देखी जा सकती है, और हर बार 90 सेकंड का अंतर जरूरी है।
  • रिवर्सल लिमिट – महीने में अधिकतम 10 बार रिवर्सल रिक्वेस्ट की अनुमति, किसी एक व्यक्ति या कंपनी से सिर्फ 5 बार।
  • Beneficiary का नाम दिखना – अब ट्रांजैक्शन करने से पहले सामने वाले का नाम दिखेगा, जिससे धोखाधड़ी कम होगी।
  • API इस्तेमाल पर नियंत्रण – UPI ऐप्स का सिस्टम ओवरलोड रोकने के लिए API कॉल्स की संख्या सीमित की गई है।

UPI यूजर के लिए सुझाव सावधानी

अपने UPI PIN को किसी के साथ साझा न करें। बैलेंस चेक और अकाउंट लिस्ट चेक करने की लिमिट का ध्यान रखें। ऑटो-पेमेंट सेट करते समय पेमेंट समय का ध्यान रखें ताकि बिल समय पर कट जाए। पेंडिंग ट्रांजैक्शन की स्थिति केवल लिमिट के अनुसार ही चेक करें। महीने में रिवर्सल लिमिट का ध्यान रखें, जरूरत पड़ने पर ही रिवर्सल करें। हमेशा पेमेंट करने से पहले सही Beneficiary नाम और UPI ID चेक करें। किसी अनजान व्यक्ति या लिंक से UPI पेमेंट न करें। OTP या UPI PIN किसी के साथ साझा न करें। UPI अपडेट का दावा करने वाले मैसेज या कॉल को फर्जी मानें। बार-बार बैलेंस चेक करने की कोशिश न करें, लिमिट पार होने पर ट्रांजैक्शन फेल हो सकता है। सार्वजनिक Wi-Fi पर UPI ट्रांजैक्शन करने से बचें।

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