हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है जहाँ ज़्यादातर लोग अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर रहते हैं। अक्सर किसानों को मंडियों में फसलों का उचित दाम नहीं मिल पाता और उन्हें बाज़ार के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से भी कम दाम पर अपनी उपज बेचनी पड़ती है। किसानों की इसी समस्या को दूर करने के लिए हरियाणा सरकार ने भवंतर भरपाई योजना की शुरुआत की। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाना और उन्हें आर्थिक नुकसान से बचाना है। योजना के अंतर्गत सरकार यह सुनिश्चित करती है कि यदि किसान को मंडी में MSP से कम भाव मिलता है तो उस नुकसान की भरपाई राज्य सरकार किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में करेगी।
मेहनत का उचित दाम मिलता है और उसे नुकसान उठाने की मजबूरी नहीं रहती। पहले किसान मंडियों में अक्सर मजबूरीवश कम दाम पर फसल बेच देते थे जिससे उनकी लागत भी पूरी नहीं हो पाती थी, लेकिन अब उन्हें यह भरोसा है कि चाहे बाज़ार भाव कम ही क्यों न हो, सरकार अंतर की राशि अवश्य देगी। इससे किसानों की आय में स्थिरता आती है और उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिलती है।
भवंतर भरपाई योजना में किसानों को अपनी उपज और फसल का पंजीकरण कराना होता है। सरकार द्वारा तय अवधि में बिक्री करने वाले किसानों को बाद में भावांतर की राशि सीधे उनके खाते में जमा कर दी जाती है। हरियाणा सरकार ने इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग किया है ताकि किसान घर बैठे ही योजना से जुड़ सकें।
इस योजना का एक और फायदा यह है कि यह किसानों को बाजार भाव से जोड़ती है। यानी किसान मंडियों में वास्तविक भाव और समर्थन मूल्य के बीच का अंतर समझ पाते हैं और योजना से उन्हें कितना लाभ मिलेगा यह भी जान जाते हैं। इससे उन्हें पारदर्शिता और आत्मविश्वास दोनों मिलते हैं।
किया हैं भवंतर भरपाई योजना
भवंतर भरपाई योजना हरियाणा सरकार की एक सराहनीय पहल है, जिसने किसानों को आर्थिक सुरक्षा और आत्मविश्वास दोनों दिया है। यह योजना किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य सुनिश्चित करती है और उन्हें घाटे का सौदा करने से बचाती है। इससे हरियाणा के किसानों की स्थिति मज़बूत हो रही है और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को भी नई मजबूती मिल रही है।