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प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना (PMMY) की शुरुआत वर्ष 2015 में केंद्र सरकार द्वारा छोटे कारोबारियों और स्वरोजगार करने वालों की मदद के लिए की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जिन्हें पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली से लोन प्राप्त करने में कठिनाई होती है। योजना के अंतर्गत गैर-कृषि, गैर-कार्पोरेट छोटे उद्योग, जैसे दुकान चलाने वाले, छोटे कारखाने, सेवा क्षेत्र में कार्य करने वाले, पशुपालन, खेती से जुड़ी गतिविधियों या किसी अन्य स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जाता है।
अब इस योजना में अब तक करोड़ों लोग इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं, जिनमें महिलाएं और SC/ST/OBC वर्ग के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। यह योजना रोजगार सृजन के साथ-साथ छोटे व्यापारियों और युवाओं को आत्मनिर्भर
लोन के लिए कैसे करे आवेदन
ऋण के लिए आवेदन करने हेतु: नजदीकी बैंक शाखा जैसे SBI, Canara Bank, Bank of Maharashtra बैंको से संपर्क करें। या बैंक की वेबसाइट से गुणात्मक जानकारी दस्तावेज़, आवेदन प्रक्रिया जाँचें। तब श्रेणी के तहत ₹10–20 लाख तक ऋण संभव हो सकता है, बशर्ते आपने पिछला ऋण समय पर चुकाया हो।
ब्याज दर वे गारंटी
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले ऋणों की ब्याज दर तय नहीं होती, बल्कि यह अलग-अलग बैंकों और वित्तीय संस्थानों की नीतियों पर निर्भर करती है। सामान्यत: यह दर बैंक की रेपो रेट लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) या बेस रेट से जुड़ी होती है, जिस पर 1% से 3% तक का अतिरिक्त मार्जिन जोड़ा जाता है। इस तरह ब्याज दर लगभग 8% से 12% के बीच रहती है। शिशु श्रेणी में ब्याज दर अपेक्षाकृत कम होती है, जबकि किशोर और तरुण श्रेणी में थोड़ी अधिक हो सकती है। और इसमें दस लाख तक कोई भी गारंटर की जरूरत नहीं पड़ती है।